सोमवार, 15 जून 2015

समस्या का समाधान --Q. हवा कैसे चलती है ?


प्रश्न -  हवा कैसे चलती है ?
उत्तर- सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि हमारे ग्रह का वायुमण्डल(atmosphere) गैस के अणुओं(molecules) की अलग अलग परतों(layers) से मिलकर बना हुआ है | इन गैसों में मुख्य रूप से नाइट्रोजन(78.08%) और ऑक्सीजन(20.95%) गैसें हैं ।
जब सूर्य की किरणें अर्थात् धूप धरती पर पडती हैं तो वहां का वायुमण्डल और जमीन गर्म होने लगते हैं, जैसे-जैसे तापमान(temperature) बढता जाता है वैसे-वैसे ये गैसें गर्म होकर फैलने लगती हैं और इनका घनत्व(density) कम हो

रविवार, 7 जून 2015

कार्बन प्रतिरोध (Carbon Resistor in hindi) और उसकी कलर कोडिंग

क्या है कार्बन प्रतिरोध और उसकी कलर कोडिंग ? 
आइये सीखते हैं-----
image 1


आप शांति से अकेले बैठे होते हैं और अगर कोई आकर आपके हाथ में एक टॉर्च लाकर थमा दे तो आप उसका क्या करेंगे ? तो या तो आप उसे ऑन-ऑफ करेंगे या न चाहते हुए भी उसके ऊपर के हिस्से को घुमाने लगेंगे और फिर क्या !!! टॉर्च खुल जाती है और हमारे अन्दर का साइंटिस्ट बाहर आ जाता है और उसमें
देखने लगता है कि इसके अन्दर है क्या-क्या ? मोटी मोटी नजर डालने पर हमें उसमें सैल, एल ई डी और लैंस  ही दिखाई देते हैं 




लेकिन थोडी और गहराई से देखने पर एक बहुत अजीब सी बेलनाकार चीज एल ई डी के पास लगी दिखाई देती है जिस पर रंग बिरंगी लाइनें होतीं हैं ............. 


इसे ही हम कार्बन प्रतिरोध (carbon resistor)  कहते हैं । इसे देखते ही हमारे मन में प्रश्न उठने लगते हैं कि टॉर्च में इसकी क्या जरूरत है ? ये करता है ? और इसके ऊपर ये रंग बिरंगी लाइनें क्यों हैं ?

गुरुवार, 7 मई 2015

समस्या का समाधान (Q.1,Q.2 और Q.3)



समस्या का समाधन सीरीज के अंतर्गत हम देंगे पाठकों के सवालों के जबाब । अगर आपके मन में है साइंस का कोई प्रश्न तो तुरंत हमसे पूछिए । प्रश्न पूछने के लिए आइए हमारे फेसबुक पेज पर उसे like कीजिए और अपना प्रश्न हमें मैसेज कर दीजिए या अपना प्रश्न वेबसाइट के राइट साइड मे बने खाने में भरकर send कर दीजिए, हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें (click me)
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प्रश्न 1. प्याज काटने पर आँखों से आंसू क्यों निकलते है ?
उत्तर - जब हम प्याज काटते हैं तो प्याज के सैल्स डैमेज हो जाते हैं जिससे प्याज में पाया जाने वाला सिंथेज एंजाइम

शुक्रवार, 1 मई 2015

एल. ई.डी. (L.E.D.)

एल ई डी

 साप्ताहिक लेख - 1

लीजिए आपके सामने प्रस्तुत है 'Science Sector '(sciencesector.blogspot.com) ब्लॉग का पहला लेख जो L.E.D. के ऊपर केंद्रित है । उम्मीद है आपको पसंद आएगा ।                                            ------------------------------------------------------------


हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में हम एल ई डी के बारे में बस इतना ही पढ़ते हैं कि एल ई डी की फुल फॉर्म क्या है और परिभाषा क्या है ? बस उसे तोते की तरह रट लिया कि फुल फॉर्म "लाइट एमिटिंग डायोड" है और ये विद्युत् ऊर्जा को विकिरण ऊर्जा में बदलता है । बस हो गया क्लेश ख़त्म ###  लेकिन क्या कभी सोचा है की वास्तव में होती कैसी है एल ई डी दिखती कैसी है ???और अगर आप जानते हैं तो बहुत अच्छा है लेकिन फिर भी इसे लेकर ढेर सारे प्रश्न होंगे जो आप मुझसे पूछ सकते हैं ।लीजिए तो जानते हैं अब एल ई डी के बारे में । सबसे पहले तो आपको बता दें कि आपके मोबाइल चार्जर में जो इंडीकेटर

मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

Science Sector - ब्लॉग का उद्देश्य

ई बार स्टूडेन्ट्स के मन में एक बात आती है कि स्कूल/कॉलेज में विज्ञान की किताबे  पढ़ाई तो जाती हैं पर हमारे जीवन में इनका क्या उपयोग है  और ऐसे ऐसे प्रश्न मन में आते हैं की टीचर के तो सुनकर ही होश उड़ जाते हैं  | टीचर महोदय से पूछने पर कुछ भाग्यवान स्टूडेन्ट्स तो जानकारी पा जाते हैं पर ज्यादातर को ये कहकर उनकी बात को टाल दिया जाता है कि कल बताएंगे ,परसों बताएंगे , तुम्हारे समझ में नहीं आएगा या फिर ये कह दिया जाएगा ये तुम्हारे कोर्स में नहीं है तो स्टूडेंट सोचता है कि शायद अगली क्लास में बताया जाए लेकिन सच बात तो यह है कि स्टूडेंट , हाईस्कूल इंटर ग्रेजुएशन पोस्ट -ग्रेजुएशन यहाँ तक कि जॉब  तक करने लग जाता है । उसके अंदर का जिज्ञासु मर जाता है  पर वो उन प्रश्नो का उत्तर जान नहीं पाता ।


अब आप ही बताइये ऐसा क्यों है ??????????


इसके कई कारण है जैसे कि टीचर को आता है पर वे बताने में रूचि नहीं लेते या ऐसा भी होता है की टीचर को स्वयं ही नहीं आता है क्योंकि हमारे देश की हालत कुछ ऐसी है कि हर कोई सरकारी नौकरी पाने की जुगत में रहता है  । चाहे नौकरी कैसे भी हो ......अपनी मेहनत से या रिश्वत देकर बस मिल जाए । एक बार सरकारी नौकरी मिल जाने के बाद वो बस आराम फरमाने, पैसे कमाने की और सिर्फ और सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में सोचता है, हाँ थोडा बहुत कार्य बस औपचारिकता पूरी करने के लिए  करता है ।इसीलिए हमारे यहाँ अधिकांश सरकारी डिपार्टमैंट भ्रष्ट हैं जिसमें एक डिपार्टमेंट शिक्षकों का भी है यहाँ मैं शिक्षकों की बुराई नहीं कर रहा बल्कि सच्चाई बता रहा हूँ । अगर आप एक शिक्षक हैं और अपने वास्तविक कार्य को बखूबी कर रहे हैं तो मैं आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ और अगर आपको ये बातें बुरी लग रही हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आप भी एक भ्रष्ट शिक्षक हैं । हमारा उत्तर प्रदेश इस प्रकार के शिक्षकों का बहुत अच्छा उदाहरण है ।

हमारे यहाँ एक बहुत ही लाजबाब प्रक्रिया भी  है जिससे हमारे देश का सत्यानाश होना तय है  ...... वो ये है कि हमारे यहाँ बहुत से कॉलेज ऐसे हैं कि विद्यार्थी हाईस्कूल, इण्टर, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन,........ .आदि सभी रुपए देकर नकल करके कर अच्छे % के साथ Pass  सकता है और सब कुछ करने के बाद रिश्वत देकर..... सरकारी नौकरी पक्की......। काबिल-ए-तारीफ़.................. ( सुधर जाओ अभी भी वक़्त है )
अब हम शिक्षकों को तो शिक्षा दे नहीं सकते क्योंकि रुपया है ही ऐसी चीज कि बडे बडे ईमानदार भी इसके सामने घुटने टेक देते हैं ।  लेकिन वे जो शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं , अभी स्कूल कॉलिजेज़ में पढ रहे हैं जिनका भविष्य ये भ्रष्ट शिक्षक बर्बाद कर रहे हैं वे आगे चलकर इसी तरह के न बनें अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी के प्रति निष्ठावान रहें  बस उन्हीं को एक नई दिशा देने का एक प्रयास हमने किया है ।
विद्यार्थियों को हमारा ये सन्देश है कि -
1. जो भी पढें उसमें अपनी पूरी श्रद्धा से पढें,
2. पिछडे न रहें, नई तकनीक और विज्ञान सीखने उसे व्यवहारिक जीवन में लागू करने में सदैव प्रयासरत रहें, 3. अन्धविश्वासों से दूरी बनाए रखें,
4.  अपने हित से पहले ये सोचें कि आपके हित से दूसरे का अहित न हो |


हमारी वेबसाइट  Science Sector को निरंतर विज़िट करते रहें और हमारा  उत्साह बढाते रहें  सदैव सीखते रहें

साइंस सीखते रहें और सिखाते रहें !


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     ढेर सारी शुभ भावनाओं के साथ  आपका अपना - योगेश 

समस्या का समाधान --Q. हवा कैसे चलती है ?

प्रश्न -  हवा कैसे चलती है ? उत्तर- सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि हमारे ग्रह का वायुमण्डल(atmosphere) गैस के अणुओं(molecules) की अलग ...