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प्रश्न 1. प्याज काटने पर आँखों से आंसू क्यों निकलते है ?
और आंसू निकलने लगते हैं । लैक्रिमल ग्लैंड आँख का वह हिस्सा है जहां से आंसू निकलते हैं ।
प्रश्न 1. प्याज काटने पर आँखों से आंसू क्यों निकलते है ?
उत्तर - जब हम प्याज काटते हैं तो प्याज के सैल्स डैमेज हो जाते हैं जिससे प्याज में पाया जाने वाला सिंथेज एंजाइम
और अमीनो एसिड सल्फोक्साइड के मध्य एक
और अमीनो एसिड सल्फोक्साइड के मध्य एक
चेन रिएक्शन शुरू हो जाती है जिससे सल्फेनिक एसिड (1- propenylsulphenic acid) बनता है । चूँकि ये अम्ल अस्थाई होता है अतः यह स्वयं का पुनर्निर्माण करके syn- propanethial S-oxide में बदल जाता है । syn-propanethial S-oxide को अश्रुकारक के रूप में जाना जाता है यह ऑक्साइड हवा में फ़ैल जाता है जिससे हमारी आँख का लैक्रिमल ग्लैंड प्रभावित होता है
और आंसू निकलने लगते हैं । लैक्रिमल ग्लैंड आँख का वह हिस्सा है जहां से आंसू निकलते हैं ।
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प्रश्न 2. यदि एक बिजली का तार टूटकर नदी में गिर जाए तो उसका प्रभाव रुके और बहते हुए पानी पर कहाँ तक होगा ?
उत्तर- नदी के रुके हुए पानी में बिजली का टूटकर गिरने पर उसका प्रभाव क्षेत्र निम्न स्थितियों पर निर्भर करेगा - 1. नदी का पानी कैसा है ?
यदि पानी एकदम प्योर है तो इस इस स्थिति में पानी एक इंसुलेटर की भांति कार्य करेगा और उसमें नाममात्र का ही करंट बहेगा और यदि पानी में अशुद्धियाँ घुली हुई हैं तो ये पता कर पाना बेहद मुश्किल है कि पानी में कौन-कौन सी अशुद्धियां घुली हुई हैं और उनमें किस प्रकार के आयन हैं और कितनी सांद्रता है । ये उस नदी के पानी के सेम्पल का टेस्ट करके ही पता लगाया जा सकता है
2. बिजली के तार में कितना A.C. करंट बह रहा है ?
अलग-अलग करंट अलग प्रभाव क्षेत्र दर्शाएगा । चूँकि नदी की लंबाई के साथ उसका प्रतिरोध भी बढ़ाता जाएगा अतः यह निश्चित है कि करंट वाले तार से नदी में दूर जाने पर करंट घटता जाएगा (ओम के नियम V=IR से धारा व प्रतिरोध एक दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं । )
3. करंट के प्रभाव को महसूस करने वाला करंट के प्रति कितना सेंसिटिव है ?
ये भी अलग अलग जीवों,वस्तुओं के लिए अलग- अलग होगा ।
अब दूसरी स्थिति देखिए-
यदि पानी तेजी से बह रहा है तो क्या होगा ?
सबसे पहले तो आप ये जान लीजिए कि करंट किसी चालक में तभी बहता है जब धन और ऋण का लूप पूरा होता है । पानी तेजी से बहने पर पानी के अणुओं के इधर उधर जाने से लूप्स टूटेंगे और बनेंगे जिससे करंट के बहने में बाधा उत्पन्न होगी अतः निश्चित है कि रुके हुए पानी की अपेक्षा बहते पानी में करंट कम महसूस होगा लेकिन उसके प्रभाव क्षेत्र के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता ।
निष्कर्स -
अब तो आप समझ गए होंगे की बिजली का तार पानी में गिरने पर उसका प्रभाव क्षेत्र, पानी,करंट और महसूस करने वाले की प्रकृति पर निर्भर करता है । जो कि प्रत्येक स्थान विशेष पार अलग-अलग होता है । वास्तविक प्रभाव क्षेत्र बिना प्रयोग किए जान पाना असम्भव है ।
प्रश्न 3. बैण्ड थ्योरी के बारे में बताइए ?
उत्तर- बैण्ड थ्योरी में किसी पदार्थ में ठोसों के मुक्त परमाणुओं के तीन स्तर माने गए हैं । इन 3 स्तरों के आधार पर ही चालक, अचालक और अर्धचालक में वास्तविक अंतर हो पाता है -
1.चालन(conduction) ऊर्जा बैण्ड
यह न्यूनतम ऊर्जा का रिक्त बैण्ड है
2.संयोजी(valence) ऊर्जा बैण्ड
ये अधिकतम ऊर्जा का बैण्ड है इसमें इलेक्ट्रोन हमेशा उपस्थित रहते हैं ।
3.वर्जित(forbidden) ऊर्जा बैण्ड
यह पूरी तरह खाली होता है ।
इन्हें बैण्ड इसलिए कहते हैं क्योंकि ये तीनों ऊर्जा स्तर बहुत पास-पास होते हैं ।
देखिए चित्र में अचालक,अर्धचालक और सुचालक का ऊर्जा बैंण्ड-
यह न्यूनतम ऊर्जा का रिक्त बैण्ड है
2.संयोजी(valence) ऊर्जा बैण्ड
ये अधिकतम ऊर्जा का बैण्ड है इसमें इलेक्ट्रोन हमेशा उपस्थित रहते हैं ।
3.वर्जित(forbidden) ऊर्जा बैण्ड
यह पूरी तरह खाली होता है ।
इन्हें बैण्ड इसलिए कहते हैं क्योंकि ये तीनों ऊर्जा स्तर बहुत पास-पास होते हैं ।
देखिए चित्र में अचालक,अर्धचालक और सुचालक का ऊर्जा बैंण्ड-
बैण्ड थ्योरी के अनुसार -
अचालक वे पदार्थ हैं जिनमें संयोजी बैण्ड पूर्ण , चालन बैण्ड रिक्त और वर्जित ऊर्जा बैण्ड बहुत चौङा (3eV से अधिक) होता है ।
चालक वे पदार्थ हैं जिनमें चालन और संयोजी बैण्ड के बीच की चौङाई बहुत ही कम होती है और वर्जित ऊर्जा बैण्ड की चोंडाई नगण्य होती है । यही कारण है कि सामान्य ताप पर ही संयोजी बैण्ड के इलेक्ट्रोन चालन बैण्ड में उपलब्ध होते हैं ।
अर्धचालक वे पदार्थ हैं जिनके चालन और संयोजी बैण्ड आंशिक रूप से भरे होते हैं तथा वर्जित ऊर्जा बैण्ड बहुत ही पतला(संकरा) होता है । जैसे जैसे ताप बढ़ाया जाता है वैसे वैसे वर्जित ऊर्जा बैंड की चौङाई घटनी लगती है और संयोजी बैण्ड के इले. चालन बैंड में पहुँच जाते हैं और अर्धचालक लगभग एक चालक की तरह व्यवहार करने लगता है ।
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